क्या कोविड वैक्सीन लेने से संक्रमण के फैलने का खतरा कम हो जाता है, जानें शोधकर्ताओं ने क्या कहा?

क्या कोविड वैक्सीन लेने से संक्रमण के फैलने का खतरा कम हो जाता है, जानें शोधकर्ताओं ने क्या कहा?

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस काफी तेजी से फैल रहा है। इसके संक्रमण को रोकने के लिए सरकारें वैक्सीन लगवानें की प्रकिया को काफी तेज कर रही हैं। आखिर में सवाल ये खड़ा होता है कि क्या कोरोना वायरस को मात देने वाली जो वैक्सीन बनी है उनके लगने के बाद लोग इस संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित हैं या नहीं? इसके लिए कई शोधकर्ताओं ने शोध किया तो पाया कि कोविड-19 के लिए बनी वैक्सीन की एक खुराक से कोरोना वायरस फैलने का डर केवल आधा ही कम हो सकता है। 

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इसकी जानकारी बुधवार को पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने अपने अध्ययन के बाद साझा की। सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वैक्सीन लगवाएं हुए लोगों में तकरीबन 38 प्रतिशत से 49 प्रतिशत लोगों के बीच परिवार में उनके द्वारा कम संक्रमण फैला है। उन लोगों के मुकाबले जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है।

शोध में शामिल लोगों ने ब्रिटेन में अधिकृत फाइजर या एस्ट्राजेनेका के टीके की एक खुराक पहले से ली हुई थी। संक्रामक रोग नियंत्रण में सेवानिवृत्त सलाहकार पीटर इंग्लिश ने बताया कि "परिणाम बेहद उत्साहजनक हैं।"

उन्होंने कहा, "इसके नतीजे पहले से स्पष्ट आ रहे हैं कि टीकाकरण लोगों को संक्रमित होने से बचाएगा। अध्ययन के अनुसार भले ही टीकाकरण करवाए हुए लोग कोरोना संक्रमित हो जाए, लेकिन वे इतने संक्रामक नहीं होते और साथ ही उनसे दूसरों में कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना भी कम होती है। "उन्होंने कहा, "यह नतीजे बेहद उत्साहजनक हैं।"

इस अध्ययन में करीब 24,000 घरों में रहने वाले 57,000 से अधिक लोगों को शामिल किया गया। इस दौरान ध्यान रखा गया कि परिवार का कोई न कोई सदस्य वैक्सीनेटेड हो। इनकी तुलना लगभग ऐसे दस लाख लोगों के साथ की गई, जिन्होंने अपना टीकाकरण नहीं करवाया है। हालांकि इस अध्ययन को लेकर गहरी समीक्षा होना अभी बाकी है।

नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 3.38 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोनावायरस वैक्सीन की पहली खुराक दे दी गई है। इस बीच, ब्रिटेन में एक चौथाई वयस्कों को टीके के दोनों डोज मिल चुके हैं।

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